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शिव सावन सोमवार का महत्व: 2025 में कब है, कैसे करें व्रत और पूजा?

शिव सावन सोमवार व्रत 2025 की पूरी जानकारी: जानिए भगवान शिव की पूजा विधि, व्रत कथा, सावन सोमवार की तारीखें, नियम और इस व्रत के चमत्कारी लाभ – खास शिव भक्तों के लिए।



 शिव सावन सोमवार व्रत क्या है?

हिंदू धर्म में सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस पवित्र माह में आने वाले प्रत्येक सोमवार को “सावन सोमवार व्रत” के रूप में मनाया जाता है। विशेष रूप से कुंवारी लड़कियां इस व्रत को अच्छे वर की प्राप्ति और

शिव सावन सोमवार

शिव सावन सोमवार का महत्व: 2025 में कब है, कैसे करें व्रत और पूजा?

 विवाहित महिलाएं सुखी दांपत्य जीवन के लिए करती हैं। शिव भक्त इस दिन व्रत रखकर जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक और मंत्र जाप करते हैं। यह व्रत आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति भी प्रदान करता है।

सावन सोमवार का महत्व

शिव पुराण और स्कंद पुराण के अनुसार, सावन मास के सोमवार को उपवास रखने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं। यह महीना प्रकृति, वर्षा और तपस्या का प्रतीक है। शिवजी का यह स्वरूप करुणा, ज्ञान और विनाशक शक्ति का मेल है।


इस माह में सोमवार के दिन व्रत रखने से –


पापों का नाश होता है


कुंडली दोषों का शमन होता है


विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं


धन, सुख और शांति का आशीर्वाद प्राप्त होता है


2025 में शिव सावन सोमवार की तिथियां


2025 में सावन का महीना 14 जुलाई 2025 (सोमवार) से प्रारंभ होकर 12 अगस्त 2025 (मंगलवार) तक रहेगा। इस दौरान आने वाले सोमवार इस प्रकार हैं:


1. पहला सोमवार – 14 जुलाई 2025


2. दूसरा सोमवार – 21 जुलाई 2025


3. तीसरा सोमवार – 28 जुलाई 2025


4. चौथा सोमवार – 4 अगस्त 2025


5. पाँचवाँ सोमवार – 11 अगस्त 2025


इन सभी दिनों पर विशेष पूजा-अर्चना और व्रत का विशेष महत्व है।

शिव सावन सोमवार की पूजा विधि

1. व्रत का संकल्प:


सावन सोमवार व्रत सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।

2. भगवान शिव की पूजा:

शिवलिंग का गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी और शक्कर से अभिषेक करें

बिल्व पत्र, धतूरा, आक, कनेर के फूल अर्पित करें

रुद्राक्ष और सफेद फूलों से श्रृंगार करें

“ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें

शिव चालीसा और रुद्राष्टक का पाठ करें

भोग में फल, मिठाई और पंचामृत चढ़ाएं

3. व्रत कथा श्रवण:

पूजन के बाद सावन सोमवार की व्रत कथा सुनना या पढ़ना आवश्यक होता है, इससे व्रत पूर्ण माना जाता है।

4. व्रत का पारण:

शाम को पूजा के बाद फलाहार या एक समय भोजन करके व्रत खोलें।

सावन सोमवार व्रत कथा (संक्षिप्त रूप)

प्राचीन काल में एक निर्धन ब्राह्मण अपनी पत्नी के साथ रहता था। वह शिवजी का अनन्य भक्त था। वह सावन मास में प्रत्येक सोमवार को व्रत रखता और विधिवत शिवजी की पूजा करता। उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उसे स्वप्न में दर्शन दिए और वरदान दिया कि उसकी सारी मनोकामनाएँ पूर्ण होंगी।

कुछ ही समय में उसकी गरीबी समाप्त हो गई और वह समृद्ध हुआ। उसकी कथा सुनकर गांव के अन्य लोगों ने भी यह व्रत प्रारंभ किया और सभी की इच्छाएं पूर्ण हुईं।

सावन सोमवार व्रत के नियम

1. ब्रह्मचर्य का पालन करें और सात्विक जीवन शैली अपनाएं

2. झूठ, धोखा और हिंसा से दूर रहें

3. व्रत के दौरान केवल फलाहार करें या एक समय अन्न ग्रहण करें

4. शिवलिंग पर तुलसी पत्र अर्पित न करें

5. व्रत कथा जरूर सुनें या पढ़ें

6. सोमवार को रात्रि जागरण और शिव नाम का स्मरण करें

7. व्रत का पारण नियमपूर्वक करें

सावन सोमवार के साथ कौन से पर्व जुड़ते हैं?

सावन में और भी कई पर्व आते हैं जिनका संबंध शिवजी या देवी से होता है:

हरियाली तीज – सुहागन स्त्रियाँ इसे हरियाली और शिव-पार्वती मिलन के प्रतीक रूप में मनाती हैं

नाग पंचमी – सावन शुक्ल पंचमी को नाग देवता की पूजा की जाती है

रक्षाबंधन – भाई-बहन के प्रेम का त्योहार, सावन पूर्णिमा को आता है

श्रावण मास की अमावस्या – पितरों को समर्पित दिन

सावन सोमवार व्रत के लाभ

भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है

मानसिक शांति और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है

स्वास्थ्य में सुधार और आत्मबल की वृद्धि होती है

विवाह, संतान, करियर, संपत्ति जैसी समस्याएं दूर होती हैं

आध्यात्मिक प्रगति और मोक्ष की प्राप्ति में सहायता मिलती है

पुरुषों और महिलाओं के लिए विशेष लाभ

कुंवारी कन्याएं – योग्य वर की प्राप्ति के लिए

विवाहित स्त्रियाँ – पति की लंबी उम्र और गृहस्थ सुख के लिए

पुरुष – करियर, व्यापार और पारिवारिक सुख के लिए

संतानहीन दंपती – संतान प्राप्ति की कामना से

निष्कर्ष

शिव सावन सोमवार केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि यह भक्तों के लिए भगवान शिव से आत्मिक जुड़ाव का एक पवित्र माध्यम है। श्रद्धा, नियम और संयम से किए गए व्रत और पूजा निश्चित रूप से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाते हैं। 2025 में सावन सोमवार के दिन शिव की कृपा प्राप्त करने का उत्तम अवसर है, इसे श्रद्धा के साथ अपनाएं और जीवन में सुख-शांति पाएं।

FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


प्रश्न 1: शिव सावन सोमवार कब से शुरू हो रहा है 2025 में?

उत्तर: 2025 में पहला सावन सोमवार 14 जुलाई को पड़ेगा।


प्रश्न 2: सावन सोमवार का व्रत कौन-कौन रख सकता है?

उत्तर: यह व्रत स्त्री, पुरुष, ब्राह्मण, गृहस्थ, कुंवारी कन्याएं सभी रख सकते हैं।


प्रश्न 3: क्या व्रत में नमक खा सकते हैं?

उत्तर: फलाहार या व्रत में सेंधा नमक खा सकते हैं, सामान्य नमक वर्जित है।


प्रश्न 4: क्या बिना शिवलिंग के पूजा हो सकती है?

उत्तर: हां, घर में शिव की तस्वीर या प्रतीकात्मक शिवलिंग से भी पूजा की जा सकती है।


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